भारतीय शेयर बाजार में सात हजार से ज्यादा कंपनियां हैं और सभी सफल इन्वेस्टर्स कहते है की उनमें से सिर्फ पांच सौ कंपनियां ही इन्वेस्टमेंट करने के लायक हैं। यानी की 10% से भी कम। ऐसे में इसकी क्या संभावना है की हम जिस कंपनी में इन्वेस्ट करने जा रहें है वो एक अच्छी कंपनी है? सच कहा जाए तो बहुत ही कम।
शेयर बाजार में बडा पैसा तब बनता है जब हम अच्छी कंपनियों में सही प्राइस पर इन्वेस्टमेंट करते हैं जो साल-दर-साल बहुत लंबे समय तक अपने सेल्स और प्रॉफिट को बढ़ाती जाती है।
इसलिए, शेयर बाजार में हमारा असल काम यही है की हजारों खराब या बहुत महगें प्राइस पर मिल रही कंपनियों के बीच में हम ऐसी कंपनियों को ढूंढें जो अच्छी हैं और सही प्राइस पर भी मिल रहीं है। और स्टॉक एनालिसिस वो तरीका है जो हमें इस काम में मदद करता है।
Return on Equity (ROE)
यह एक प्रोफिटेबिलिटी रेश्यो है जो बताता है की एक कंपनी एक फिक्स टाइम में अपने शेयरहोल्डर्स इक्विटी पर कितना प्रॉफिट बना रही है।
ROE =NET PROFIT/TOTAL SHARE HOLDER
हमें कंपनी का Net Profit उस के इनकम स्टेटमेंट से और Total Shareholders Equity उस के बैलेंस शीट से मिलती है
एक हाई क्वालिटी बिज़नेस होने के लिए कंपनी का ROE पिछले 3 से 5 सालों में हर साल 15% से ज्यादा होना चाहिए। अगर ऐसा है तो इसका मतलब है की कंपनी अपने बिज़नेस में बहुत मजबूत है।
पर अगर किसी कंपनी का ROE कई सालो से लगातार 15% से कम है, तो इसकी संभावना बहुत ज्यादा है की वो अपने इंडस्ट्री की एक कमजोर कंपनी है। और हमें इनवस्टमेंट नहीं करना चाहिए।
ROE 15% से ज्यादा होना चाहिए